सुप्रीम कोर्ट का केंद्रीय मंत्री के बेटे को सरेंडर करने का आदेश साथ ही 10 दिनों तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक
- By Vinod --
- Thursday, 27 Jan, 2022
The order of the Supreme Court to surrender the son of the Union Minister as well as a ban on arrest
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री के बेटे को अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया है। अदालत ने इसी के साथ केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी पर 10 दिनों तक के लिए रोक लगा दी है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नितेश राणे को हत्या के प्रयास से जुड़े एक मामले में 10 दिनों तक गिरफ्तार ना करे। बता दें कि यह केस सिंधूदुर्ग जिले में दर्ज है।
नितेश राणे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे है। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा है कि नितेश राणे ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर दें और रेगुलर बेल लगाएं। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली इस बेंच में शामिल जस्टिस ए एस बोपन्ना और हिमा कोहली ने कहा कि 10 दिनों के अंदर नितेश राणे सरेंडर कर दें और तब तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार ना करे।
बता दें कि इससे पहले नितेश ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट ने भी नितेश की गिरफ्तारी पर 27 जनवरी तक के लिए रोक लग दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 दिन तक के लिए नितेश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। नितेश राणे की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लुथरा अदालत में अपनी बात रख रहे थे। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ही रेगुलर बेल पर विचार करेगा। अदालत ने कहा कि आप सरेंडर क्यों नहीं कर देते और रेगुलर बेल के लिए क्यों नहीं जाते।
मुकुल रोहतगी की तरफ से दलीलें सुनने के बाद राज्य की तरफ से मौजूद वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी से मुखातिब होकर सीजेआई ने कहा ‘आप स्टेट के लिए उपस्थित हैं...यह सब क्या है, पॉलिटिकल वायरस।’ इसपर सिंघवी ने कहा कि यह केस उतना आसान नहीं है जितना रोहतगी ने बताया है। रोहतगी लगातार अपनी बात कह रहे थे कि हत्या की प्रयास से जुड़ा यह केस एक राजनीति से प्रेरित है।
रोहतगी ने कहा, ‘क्या एक पेपर-कटर की वजह से हुए मामूली जख्म के लिए हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया जा सकता है। मैं सिर्फ दो बातें कह रहा हूं। पहला यह कि यह केस पेपर कटर का है और दूसरा यह कि यह मामूली चोट है।’